LIVE: भोपाल सेंट्रल जेल से भागे सभी 8 आतंकियों को मार गिराया गया
भोपाल: मध्यप्रदेश पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए भोपाल
की सेंट्रल जेल भागे सिमी के सभी 8 आतंकियों को मार गिराया गया है.
भोपाल की सेंट्रल जेल में सिमी के करीब 30 आतंकवादी अलग-अलग सेल में बंद हैं. भागने वाले 8 आतंकवादी जेल के ‘बी’ ब्लॉक में कैद थे.
पुलिस
ने जेल से तकरीबन 10 से 12 किमोमीटर दूर इन आतंकियो को ढेर किया. इन सभी
आतंकियों को खेजरा गांव में घेरकर मार गिराया गया. ये आतंकी ‘द स्टूडेंट्स
इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया’ के सदस्य थे.
- "पुलिस का दावा है कि आतंकी पूरी तैयारी के साथ भागे थे, हथियार भी जुटाए थे
- पुलिस का कहना है कि इन आतंकियों के पास हथियार थे, क्रॉस फायरिंग हुई थी
- इस एनकाउंटर को एसटीएफ की टीम ने अंजाम दिया
- पुलिस ने एनकाउंटर में सभी 8 आतंकियों को मार गिराया
- इन आतंकियों को पुलिस ने पहले आत्मसमर्पण के लिए कहा और जब उन्होंने सरेंडर करने से इनकार किया तो मार गिराए गए
- इन आतंकियों के नाम मोहम्मद खालिद अहमद, मुजीब शेख, शेख महबूब, जाकिर हुसैन सादिक, अमजद, मोहम्मद सालिक, अब्दुल माजिद और अकील खिलजी हैं."
आपको बता दें कि आज तड़के करीब दो बजे इन 8
आतंकियों ने जेल के हेड कॉन्स्टेबल रमाशंकर का गला रेतकर और फिर ओढ़ने
वाली चादर को रस्सी बनाकर दीवार फांदी और जेल से भाग निकले थे. भागने से
पहले इन आतंकियों ने एक पुलिस वाले के हाथ-पैर भी बांध दिये थे. जो 8 आतंकी
भागे थे उनमें से तीन आतंकवादियों ने तीन बम धमाके किए थे और एक बैंक भी
लूटा था जिसका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में किया था.
देखें तस्वीरें: जेल से भागे सिमी आतंकियों का ऐसे हुआ एनकाउंटर
इस घटना में जेल प्रशासन की बड़ी लापरवाही
सामने आई है. इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह
चौहान ने जेल अधीक्षक सहित जेल के पांचों बड़े अधिकारियों को सस्पेंड कर
दिया है.
मध्यप्रदेश सरकार की सफाई
मध्यप्रदेश के गृह मंत्री भूपेंद्र सिंह
का कहना है कि उन्हें तड़के करीब 4-5 बजे इस घटना की जानकारी दी गई. जिसके
बाद तुरंत अलर्ट जारी किया गया. भूपेंद्र सिंह का मानना है कि जेल प्रशासन
की लापरवाही की वजह ये घटना घटी.
भोपाल के डीआईजी रमन सिंह ने बताया था कि
सिमी के आठ कार्यकर्ता तड़के करीब दो से तीन बजे के बीच एक सुरक्षा गार्ड
की हत्या करने के बाद जेल से फरार हो गए थे. उन्होंने बताया कि सिमी के
कार्यकर्ताओं ने एक सुरक्षा गार्ड की हत्या कर दी और उसके बाद वे चादरों की
मदद से जेल की दीवार लांघ कर वहां से फरार हो गए.
डीआईजी ने बताया कि उन्होंने पहले गार्ड को घेर कर अपने कब्जे में लिया और फिर स्टील की प्लेट से उसका गला काट कर उसे मार डाला.
इन आतंकियों पर देशद्रोह के मामले चल रहे थे. ये सभी आतंकी मध्यप्रेश, गुजरात और महाराष्ट्र के रहने वाले थे.
कैसे भागे थे आतंकवादी?
भोपाल की सेंट्रल जेल में सिमी के करीब 30 आतंकवादी अलग-अलग सेल में बंद हैं. भागने वाले 8 आतंकवादी जेल के ‘बी’ ब्लॉक में कैद थे.
इन्होंने भागने की साजिश पहले से ही बना रखा थी. इसके लिए ढेर सारी चादरें इकट्ठी कर रखी थीं.
बैरक से निकलकर ये खुले में आए (कैसे बाहर आए इसकी जानकारी नहीं है).
दीवाली की रात में ड्यूटी बदलते वक्त करीब
2.30 बजे इन्होंने दो कॉन्स्टेबल पर हमला किया. जिनमें एक रमाशंकर यादव की
गला रेतकर हत्या भी कर दी. दूसरे सुरक्षा कर्मी को बांध दिया.
इसके बाद इन्होंने बी ब्लॉक के बीच की
दीवार फांदी और जेल की मुख्य दीवार तक पहुंचे, जो 35 फीट ऊंची है. इस दीवार
पर चढ़कर इकट्ठी की गई चादरों की रस्सी नीचे डाली और उतर गए.
इस दीवार के पार एक और दीवार थी जिसपर
कटीली तार लगी हुई थी. इस दीवार में एक दरवाज़ा था, जिसका ताला ये खोल नहीं
पाए जो इन्होंने तोड़ने की कोशिश की. कोशिश में दीवार की ईंटे ही निकल आईं
और बाहर निकलकर ये सड़क पर आ गए. ये सड़क एक तरफ एयरपोर्ट को जाती है और
दूसरी तरफ रेलवे स्टेशन की तरफ.
दिग्विजय सिंह का हमला
जेल से आतंकियों के भागने के बाद अब
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर हमला किया है. दिग्विजय सिंह
का कहना है कि आरएसएस और कट्टर मुस्लिम विचारधारा के लोग मिलकर ही दंगे
करवाते हैं और इस बात की जांच होनी चाहिए कि इस मामले में कहीं आरएसएस-सिमी
की मिलीभगत तो नहीं है.
कौन-कौन आतंकी भागे?
भोपाल की सेंट्रल जेल से जो आतंकी भागने
में कामयाब हुए हैं उनमें मोहम्मद खालिद अहमद, मुजीब शेख, शेख महबूब, जाकिर
हुसैन सादिक, अमजद, मोहम्मद सालिक, अब्दुल माजिद और अकील खिलजी के नाम
शामिल थे.
मुजीब शेख अहमदाबाद-बॉम्बे ब्लास्ट का
मास्टर माइंड था. खंडवा जेल से भागने के बाद इनमें से तीन आतंकवादियों ने
तीन बम धमाके किए थे और एक बैंक लूटा था जिसका इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों
में किया था.
गृह मंत्रालय के मुताबिक आज जो 8 आतंकी भागे हैं उनमें 5 लोग वो हैं जो 2013 में खंडवा जेल से भाग थे.
क्या है सिमी?
सिमी का पूरा नाम स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया है.
सिमी का गठन 1977 में हुआ था. इसका गठन 25 अप्रैल 1977 को यूपी के अलीगढ़ में हुआ.
सरकार ने साल 2001 में पोटा के तहत सिमी
पर प्रतिबंध लगा दिया. इस प्रतिबंध के बाद देशभर में सिमी के सबसे ज्यादा
कायकर्ताओं की गिरफ्तारी मध्यप्रदेश से हुई.
खास बात ये है कि मध्यप्रदेश में जेल से
आतंकियों के फरार होने की ये पहली घटना नहीं है. 2013 में भी खंडवा की जेल
तोड़कर फरार हुए थे.
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Reviewed by india
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04:11:00
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